सोमवार, 1 जून 2009

फटाफट क्रिकेट




इंग्लैंड के दूसरे टी 20 वल्र्ड कप पर क्या भारत का कब्जा़ होगा। भारतीय टीम को देखकर हर किसी की जीतने की आस है। मगर भाई दबाव में बिखरने की आदत से इन्हें छुटकारा कौन दिलाऐगा। धोनी कह रहे है कि आईपीएल ने यह खूबी सिखा दी है। मगर ऐसा लगता नही है। भारतीय टीम में आज चोटी के बल्लेबाज है। जो लय पर होते है तो मैदान में रनों की छडी लग जाती है। विरेन्द्र सहवाग और गौतम गंभीर की सलामी जोडी की चर्चा आज हर क्रिकेट प्रेमी की जुबान पर है। मगर आईपीएल में इनका प्रदर्शन निराश करने वाला था। युवराज भी एक दो मैचों में ही अच्छा कर पाये। धोनी ने जरूर कुछ हाथ दिखाये लेकिन उनके खेल के हिसाब से यह कुछ भी नही। मगर सुरेश रैना, रोहित शर्मा और यूसूफ पठान पर हर किसी की नजर है। बिते दिनों इन्होने बॉल और बैट दोनो से कमाल दिखाया। गेंदबाजी में भी फिक्र की बात नही है। आरपी सिंह आग अगल रहे है। जहीर खान ईशांत शर्मा और इरफान की तिकडी भी कमाल दिखा सकती है। बाकी का बचा खुचा काम भज्जी और प्रज्ञान ओझा के हवाले। हालॉकि इनमें सब एक साथ नही खेल सकते। मगर खिलाडियों की खूबी को भॉंपते हुए धोनी को बेहतर खिलाडियों को मैच में उतारना होगा। भारत को जीत के लिए जी तोड मेहनत करनी हेागी। धोनी अच्छी कप्तानी कर रहे है। साथ ही उन्हें बाकी खिलाडियों का भी सहयोगा प्राप्त है। ऐसे में टीम इंडिया को चाहिए की हर खिलाडी अपना 100 फीसदी दे। भारतीय क्रिकेटप्रेमी आज जीत के लिए भूखे है। बस जरूरत है तो बस यह कि धोनी हर टीम और खिलाडियों की ताकत और कमजोरी को ध्यान में रखकर मैदान में ऐस चक्रव्यूह बनाये जिससे पार माना मुश्किल हो। टी 20 की ज्यादाजर टीमें जबरदस्त है जो कभी भी खेल का रूख पलट सकती है। ऐसे में जो टीम मैच दर मैच अच्छा खेलेगी वह जीत की हकदार होगी।

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