शुक्रवार, 1 अक्तूबर 2010
हैं तैयार हम
17 खेल, 72 देश, 829 तमगे दांव पर। 3 से 14 अक्टूबर को होने वाले 19 वें राष्ट्रमण्डल खेलों की रणभेरी बच चुकी है। हर खिलाड़ी जीतना चाहता है। हर कोई तमगे से कम कुछ नही चाहता। ऐसे में मुकाबला कितना रोचक होगा इसका अन्दाजा आसानी से लगाया जा सकता है। भारत 495 खिलाड़ियों के साथ 17 विभिन्न खेलों में जीतने के इरादे से उतरेगा। 2006 मेलबर्न में भेजे गए 180 खिलाड़ियों के मुकाबले यह आंकड़ा 3 गुना ज्यादा है। इन खेलों में सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या भारत पदकों का सैकड़़ा जड़ने में कामयाब हो पायेगा। ऐसा इसलिए भी कि बाकी सालों के मुकाबले इस बार खिलड़ियों की ट्रेनिंग में खास ध्यान दिया गया है। खेल मन्त्रालय को सबसे ज्यादा भरोसा निशानेबाजों पर है जिससे 30 से 35 मेडल आने की उम्मीद है। इसके अलावा 21 कुश्ती से 10 से 12 भारोत्तोलन से, 6 से 8 मुक्केबाजी से और 8 से 10 मेडल एथलेटिक्स से आ सकते है। मगर इसके लिए हर खिलाड़ी को अपनी ऐड़ी चोटी का जोर लगाना होगा। भारत ने मेनचेस्टर खेलों में अब तक का सबसे बेहतरीन प्रदशZन किया है। इसमें भारत ने 30 गोल्ड, 22 कांस्य और 17 रजत पदक सहित कुल 69 मेडल जीते। खास उपलब्धि महिला हॉकी टीम का गोल्ड मेडल जीतना था। निशानेबाजी में अंजलीभागवत ने मेनचेस्टर में निशानेबाजी में 4 गोल्ड मेडल जीते। जसपाल राणा भी 4 गोल्ड मेडल पर निशाना लगाने में कामयाब रहे। इस बार भारत रग्बी, लॉन बोल्स और नेटबॉल्स जैसे खेलों में भी पहली बार हाथ आजमायेगा। साथ ही नज़र इस बात पर भी होगी क्या पदक तालिका में भारत पहले से सुधार कर चौन्थे से तीसरे स्थान पर कब्जा जमा पायेगा। कुल मिलाकर उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। दिल की धड़कनें तेज है। हर किसी की निगाहें इसी पर है कि क्या भारत घरेलू माहौल का फायदा उठाते हुए हिन्दुस्तानियों की उम्मीदों पर खरा उतर पायेगा।
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