महंगाई डायन नही रूकेगी। कभी चीनी के रूप में आएगी तो कभी प्याज बनकर रूलायेगी। सरकार चाहे जो भी कर ले। उसके तमाम प्रयासों की उस पर एक नही चल रही है। अब 19 जनवरी को प्रणव मुखर्जी राज्यों के वित्तमंत्रियों के साथ अपना सर खपाऐंगे। इससे पहले 6 फरवरी 2010 को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री बैठक कर चुके है। महंगाई डायन के रंग ठंग देखकर ऐसा नही लगता की यह केवल मांग और उत्पादन में कमी के चलते बड़ी है। या लोगों की आय में इजाफा हो रहा है। या खेत से किचन तक के दामों में भारी अन्तर है। ऐसा लग रहा है कि इसने कईयों को बेमान बना दिया है। और इस बेमानी का खामियाजा पूरा देश भर रहा है। पिछले दिनों 8 सूत्रीय एजेंडा पेश किया गया। इसमें नया कुछ भी नही था। वही पुराने चलाए हुए तीर। महंगाई डायन पर न तो राजकोषीय उपाय असर कर रहे है और न ही मौद्रिक उपाय। प्रशासनिक उपायों का भी इस पर कोई असर नही हो रहा। लगता है सरकार भी अब राम भरोसे बैठ गई है। जितना हो सके आंकड़ेबाजी के सहारे जनता को बरगलाया जाया। इधर हर आमोखास के जुबां पर आज यही सवाल है। महंगाई से निजात कब मिलेगी। खाघ मुद्रास्फिति में 1.41 फीसदी की गिरावट जरूर देखने को मिली है मगर प्याज, सब्जी दूध मछती और फलों के दाम आसमान को छू रहे हैं। दो दिन की मैराथन बैठकों के बाद सरकार ने महंगाई का कम करने के लिए कई उपायों की घोषणा की है। इनमें प्रमुख है। नैफेड और एनसीसीएफ 35 रूपये किलों प्याज बेचेंगी।
कालाबाजारियों और जमाखारों के खिलाफ सरकार सख्ती से पेश आयेगी।
सभी वस्तुओं के आयात और निर्यात की समय समय पर समीक्षा होगी।
सरकारी इकाइयां आवष्यक वस्तुओं मसलन तेल और दाल की खरीरदारी में तेजी लाऐंगी।
कैबीनेट सचिव के अधिन सचिवों की समिति राज्यों में कीमतों की समीक्षा करेगी।
मुख्य आर्थिक सलाहाकार की अध्यक्षता में अंतरमंत्रालय समूह का गठन किया जायेगा।
राज्य सरकारों से मंडी कर सहित अन्य करों में छूट देने की अपील की गई है।
साथ की केन्द्र सरकार गतिशील बाजारों के गठन में राज्यों का सहयोग करेगी। आगे क्या होगा चलिए इंतजार करते हैं।
इतिश्री महंगाई पुराणों द्धतिय सोपानः समाप्तः
रमेश भाई..वित्त मंत्री राज्यों के मुख्यमंत्री से नही बल्कि राज्यों के वित्त मंत्री से मिलेंगे..यह बैठक महंगाई के लिए नहीं बुलाई गई है बल्कि रिचुअल बैठक हैं जो बजट पूर्व होती है..इसी बैठक में महंगाई पर भी चर्चा हो जाएगी
जवाब देंहटाएंऋषिकेश कुमार