मंगलवार, 8 फ़रवरी 2011

बजटनामा

बजटनामा एक ऐसा मसौदा जिससे आप और हम हर साल रूबरू होते है। हर आमों खास को इसका बेसब्री से इंतजार रहता है। दरअसल सरकार हर साल मिलने वाले पैसे और खर्च का ब्यौरा संसद में रखती है। यह हर साल फरवरी महिने के आखिरी सप्ताह में संसद में पेश होता है। मोटे तौर में इसमें बीते वर्ष में हुई प्राप्तियों और अगामी वर्ष में होने वाले खर्च का अनुमान लगाया जाता है। साल में कितना खर्च होगा और किस मद में होगा। उदाहरण के तौर पर भारत निर्माण और महात्मा गांधी नरेगा को कितना आवंटन किया गया है। जवाहरलाल नेहरू राष्टीय शहरी नवीकरण योजना और राजीव आवास योजना का बजट कितना प्रतिशत बड़ा। बीते वर्ष कितना धन सरकार के खजाने में आया है। आने वाले वित्तीय साल में खर्च को पूरा करने के लिए कितना धन उधार लेना हेागा। यह सब कुछ इस बजटनामें में होता है। किसान को क्या मिला। ग्रामीण विकास की तस्वीर क्या हेागी। शहरों में सुवीधाओं के लिए किस योजना को कितना धन मिला। नौकरीपेशा को कर में कितना छूट मिलेगी। क्या सस्ता हेागा और क्या महंगा। बजार की चाल क्या होगी। अर्थव्यवस्था में किस तरह का सुधार है। महंगाई का साधने के लिए क्या जरूरी उपाय होंगे। यही कारण है कि हर साल हम सबको  बजनामें का इंतजार रहता है। 

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