शनिवार, 24 सितंबर 2011

संयुक्त राष्ट्र और भारत


न्यूयार्क में हो रहे संयुक्त राष्ट महसभा के 66वें अधिवेशन पर दुनिया की नजरें गड़ी होंगी। यह अधिवेशन ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया भर में वित्तिय संकट, आतंकवाद मध्यपूर्व में अशांति जैसे मुददे चिंता का सबब बने हुए है। अपने न्यूयार्क दौरे से पहले प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने यह साफ कर दिया की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार उनके एजेंडे में सबसे उपर है। दुनिया ऐसा संयुक्त राष्ट्र देखना चाहती है जो तटस्थ विश्वसनीय और प्रभावी हो। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में  स्थाई सदस्यता की दौड़ में भारत के अलावा जर्मनी, जापान और दक्षिण अफ्रीका सबसे आगे है। वर्तमान में 19 साल के अंतराल के बाद भारत संयुक्त राष्ट्र का अस्थाई सदस्य है। इस अधिवेशन में आतंकवाद के खिलाफ साझा कारवाई की जरूरत, वैश्विक आर्थिक संकट से निपटने की लिए व्यापक रणनीति पर विचार पर चर्चा सबसे उपर है। बैठक में खाड़ी, उत्तरी अफ्रिका और पश्चिमी एशिया में हो रही भारी उथल पुथल पर भी चर्चा की जाएगी। इधर बैठक से इतर प्रधानमंत्री ईरान, दक्षिण सूडान और श्रीलंकाई राष्ट्रपतियों के अलावा नेपाल और जापान के प्रधानमंत्री से भी मुलाकात करेंगे।

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