मंगलवार, 2 अप्रैल 2013

राहुल का भारत कैसा होगा


देश में विकास की रफतार बढ़ाने के लिए सुधारों की गाड़ी को तेज करना होगा। जब तक सभी राजनीतिक दल सुधारों के लेकर एकमत नही होंगे तब तक 12वीं योजना में 8 फीसदी विकास दर का लक्ष्य पाना मुश्किल होगा। बढ़ती युवा आबादीके लिए रोजगार के संसाधन पैदा करने के लिए 9 फीसदी विकास दर की जरूरत है। इसके लिए जरूरी है निवेश की परियोजनाओं को जल्दी हरी झंडी मिले। जमीन अधिग्रहण और पर्यायवरण मंजूरी एक तय समय के भीतर मिले। आज सीआआई के वार्षिक समारोह में प्रधानमंत्री देश के विकास काकैसे मसौदा रखेंगे देखना होगा। सबसे ज्यादा नजर रहेगी राहुल गांधी पर।  राहुल गांधी आज सीआआई के वार्षिक समारोह में शिरकत करेंगे। दिलचस्प होगा यह जानना की देश की अर्थव्यवस्था को आगे ले जाने की उनकी दूरदर्शिता क्या है? क्योंकि वह कई बार नेताओं के निशाने में आज चुके है कि देश को आगे ले जाने के लिए उनकी पास कोई योजना नही है। इसलिए उपाध्यक्ष बनने के बाद संगठन में नई जान  फंूकने की बात करने वाले राहुल आज देश के मुददों पर क्या राय रखते है, यह देखना दिलचस्प होगा। वैसे उनका पूरा ध्यान युवाओं के लुभाने पर रहेगा। लेकिन अपने वादे के मुताबिक आजीविका सुरक्षा, उर्जा सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा,पर्यावरण सुरक्षा और आन्तिरक सुरक्षा को लेकर उनके विचार क्या रहेंगे?। वैसे तो राहुल एक रटा रटाया भाषण पढेंगे। मगर उनसेउम्मीद है की वह लीक से हटकर बोलेंगे। भ्रष्टाचार से कैसे निपटेंगे।विकास दर कैसे बढ़ाऐंगे। युवाओं के लिए उनके पास क्या एजेंडा है और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर उनके क्या विचार है। गरीबी कैसे मिटेगी।बुनियादी ढांचे में निवेश कैसे बढ़ेगा। दलित आदिवासी और अल्पसंख्यकों को विकास का कैसे हिस्सेदार बनाया जाए। शहर और गांव के बीच की खाई को कैसे बांटा जाए। उनसे आशा की जाती है की उनकी बातें केवल उद्योग जगत तक ही सीमित न हो बल्कि वह समूचे परिपेक्ष में बात करें। यानि वह इस देश के बताऐं की राहुल का भारत कैसे होगा?

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