पुलिस में होने चाहिए बड़े बदलाव
पुलिस जनसंख्या अनुपात विकसित देशों के मुकाबले नीचे।
राज्य सरकार को भरने चाहिए रिक्त पद।
पुलिस सुधार को लागू करने की जिम्मेदारी राज्यों की।
देश का पुलिस कानून 154 साल पुराना है।
पुलिसिया व्यवस्था में सुधार लाने के लिए समय समय पर कई समितियों का गठन हुआ।
1977 में पुलिस सुधार आयोग,
1998 में रिबेरो समिति
2000 में पद्यनाभैया समिति
2002 में मालीमथ समिति।
20 सितंबर 2005 में विधि विशेषज्ञ सोली सोराबजी की अध्यक्षता में एक कमिटि का गठन
30 अक्टूबर 2006 को माडल पुलिस एक्ट 2006 का प्रारूप केन्द्र सरकार केा सौंपा।
सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर 2006 प्रकाश सिंह बनाम केन्द्र सरकार मसले पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया।
2009 में तत्कालिन गृहमंत्री पी चिदंबरम ने कहा की राज्य सरकारों ने पुलिस अधिकारियों का फुटबाल बना दिया है। सत्ता बदलते ही अधिकारी बदल जाते हैं। यहां तक की नेता अब अधिकारियों को उनकी मनपसंद कमाई वाली जगहों पर तैनात करने के लिए पैसे वसूलती हैं। इसलिए जरूरी है की इन अधिकारियों का न सिर्फ एक निश्चित कार्यकाल हो बल्कि पुलिस को राजनीति से मुक्त किया जाए।
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