जनसंख्या के लिहाज से भारत चीन के बाद विश्व का दूसरा सबसे बडा देश है। विश्व की 17 फीसदी आबादी भारत में रहती है। भूभाग के लिहाज के हमारे पास 2.5 फीसदी जमीन है। 4 फीसदी जल संसाधन है। बीमारी में हमारी भागीदारी 20 फीसदी के आसपास है। विश्व जनसंख्या दिवस की शुरूआत आज से 23 साल पहले 1987 से हुई। इस दिन के मनाने के पीछे लोगों तक जनसंख्या नियन्त्रण का सन्देश पहुचाना है।। भारत में कई राज्यों की आबादी कई देशों के बराबर है। मसलन देश के सबसे बडे राज्य उत्तर प्रदेश की आबादी ब्राजील के बराबर है जबकि बिहार की जर्मनी के बराबर और थाइलैण्ड की दिल्ली के बराबर है। एक अनुमान के मुताबिक हम 15 से 20 साल में एक उत्तर प्रदेश भारत से जोड़ते है। रिपोटें यह भी कहती है कि अगर जनसंख्या विस्फोट इसी तेजी से चलता रहा तो 2050 तक 200 करोड़ की आबादी को भी हम पार कर जायेंगे। अगर समय रहते हमने कुछ गम्भीर कदम उठाये तो हम इस आबादी में 30 से 40 करोड तक की कमी ला सकते है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मघ्यप्रदेश और असम जैसे राज्य 50 फीसदी तक आबादी बड़ाने के जिम्मेदार है। यह सारे राज्य भी मानव विकास सूचकांक में भी पीछे है। भारत में परिवार नियोजन को लेकर कई कार्य किये जा रहे है। मगर अशिक्षा ने सरकार की इन कोशिशों की हवा निकाल दी है। आज मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में भी तेजी से कमी आ रही है। मगर एक बडी आबादी आज भी छोटा परिवार सुखी परिवार के क्या फायदे है इसको समझ नही पा रही है। यही कारण है कि भूखमरी बड़ रही है, जमीन पर लगातार बोझ बडा रहा है, खेती योग्य भूमि गैर कृषि कामों के उपयोग में लाई जा रही है। यानि जनसंख्या बडने के साथ साथ कई समस्याऐं बड़ रही है। आज 28 फीसदी आबादी शहरों में निवास कर रही है जबकि 2030 तक इसके 40 फीसदी होने का अनुमान है। और आगे चलकर 50 फीसदी आबादी शहरों में रहेगी। अहम सवाल यह है कि ‘ाहरों में क्या 50 फीसदी आबादी रहने लायक मूलभूत ढांचा तैयार है। जनसंख्या बडने के पीछ जो बडे कारण है उनमें से मुख्य है।
परिवार नियोजन की जनाकारी का न होना
कण्डोम या गर्भनिरोधक दवाइयो के बारे में जानकारी का अभाव
बेटे की चाह
बेटी के प्रति सौतेला व्यवहार
बाल विवाह पर रोकथाम नही
शिक्षा का अभाव और बच्चा पैदा करने पर पत्नी की तव्ज्जों न देना
यह कुछ ऐसे कारण है जिसकी वजह से जनसंख्या नियन्त्रण पर कारगर काम नही हो पा रहा है
परिवार नियोजन की जनाकारी का न होना
कण्डोम या गर्भनिरोधक दवाइयो के बारे में जानकारी का अभाव
बेटे की चाह
बेटी के प्रति सौतेला व्यवहार
बाल विवाह पर रोकथाम नही
शिक्षा का अभाव और बच्चा पैदा करने पर पत्नी की तव्ज्जों न देना
यह कुछ ऐसे कारण है जिसकी वजह से जनसंख्या नियन्त्रण पर कारगर काम नही हो पा रहा है
हिंदी ब्लॉग लेखकों के लिए खुशखबरी -
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