शनिवार, 11 दिसंबर 2010
क्रिकेटवाणी- 2011 का विश्वकप जीतने का सुनहरा मौका
न्यूजीलैण्ड की साथ एक एकदिवसीय श्रंखला को 5-0 से जीतकर भारत ने इतिहास रच दिया। यह पहला मौका होगा कि जब भारतीय टीम ने किसी भी टीम को किसी श्रंखला में क्लीन स्विप कर दिया। गौतम गम्भीर के नेतृत्व वाली इस टीम में भारत के कई होनहार प्रतिभावान और दिग्गज बल्लेबाज न होने के बावजूद हमारी टीम ने जबरदस्त खेल दिखाया। इस श्रंखला को देखकर यह विश्वास हो रहा है कि भारत विश्वकप का प्रबल दावेदार है। दरअसल यह जीत पिछली जीतों से अलग हैं। सबसे बड़ा फर्क यह है कि पहले की जीत मेहमान टीम के खराब प्रदशZन पर टिकी होती थी। इस बार भारत ने हर क्षेत्र में जबरदस्त खेल दिखाया। रनों का पीछा करते हुए भारतीय टीम ने यह संकेत दे दिया है कि उनके भीतर जीतने का जज़्बा है। यह पहला मौका है कि शुरूआती बड़े झटकों के बावजूद भारत ने 300 से ज्यादा रनों का पीछा कर जीत हासिल की। वरना अमूमन भारतीय टीम को शुरू के झटकों के बाद उभरते हुए कम ही देखा गया है वह भी तब जब आप तीन सौ से ज्यादा रन का पीछा कर रहें हों। इस श्रंखला में कई बातें समाने निकलकर आई हैं जिन्हें अगर गौर से देखें तो विश्वकप के लिए एक सन्तुलित टीम बनाने में मदद मिलेगी। गौतम गम्भीर ने इस सीरिज में जो प्रर्दशन किया है वह वाकई काबिले तारीफ है। खासकर विश्व कप से ऐन पहले उनका फार्म में आना और ‘ातक ठोकना भारतीय टीम के लिए अच्छी खबर है। उनकी सबसे बड़ी ताकत है वह बड़ी पारी खेल सकते हैं। विराट कोहली ने फस्ट डाउन में जिस तरह से खेल दिखाया उससे लगा की उनके खिलाने के लिए यह बेहतरीन जगह है। सबसे अच्छी बात जो इस युवा में दिखाई देती है कि वह फील्ड के चारो और शार्ट लगा सकता है। साथ ही गेन्दबाजी और फििल्डंग में भी कामयाब है। युवराज सिंह जो छक्के मारने के विशेषज्ञ माने जाते हैं उनकी फार्म वापस लौटी है। हमें याद रखना चाहिए के पहले 20-20 विश्व कप में इंग्लैण्ड के खिलाफ लगाए के 6 छक्कों की उस विश्व कप को जिताने में अहम योगादान था। चौन्था नाम आर अिश्वन। आर अिश्वन एक अ़च्छे स्पीनर साबित हो सकते है। खासकर जिसे तरह का खेल इस सीरिज में उन्होंने दिखाया है वह बाकी स्पीनरों मसलन प्रज्ञान ओझा और अमित मिश्रा के मुकाबले बेहतर है। यह सच है कि अनुभव के लिहाज से वह इन खिलाड़ियों से पीछे हैं। मगर वह अच्छे शार्ट भी खेलने के लिए जाना जाता है। पांचवा यूसूफ पठान। इस खिलाड़ी के 7 चौक्के और 7 छक्कों को शायद ही कोई भूल पायेगा। अगर युसूफ पठान यह फार्म बरकरार रखते हैं तो विश्वकप में वह किसी भी आक्रमण की कमर तोड़ सकता हैं। छठां धोनी का विकल्प कौन। मेरे हिसाब से पार्थिव पटेल। इस खिलाड़ी में गजब आग है। रिद्धिमान साहा और दिनेश कार्तिक के मुकाबले पार्थिव पटेल ज्यादा अच्छा खेलते है। खासकर उन्की बल्लेबाजी को में आईपीएल में एक ओपनर के तौर पर देख चुका हूं। आठवां सौरव तिवारी। यह खिलाड़ी लम्बी रेस का घोड़ा है। बेहतरीन फुटवर्क, बॉल पर गिद्ध की तरह नज़र और बड़े शार्ट लगाने की क्षमता। यह कछ ऐसे गुण जो उन्हे स्पेशल बनाते है। इसके अलावा गेन्दबाजी में जहीर खान और प्रवीण कुमार भारत को अच्छी शुरूआत दे सकते है। जहीर के पास अनुभव है तो प्रवीण कुमार के पास दोनों तरफ गेन्द को घुमाने की क्षमता। बहरहाल अगर विश्व कप में मुझे टीम चुनने का मौका दिया जाता तो मेरी टीम इस प्रकार होगी। विरेन्द्र सहवाग, गौतम गम्भीर, सचिन तेन्दुलकर, युवराज सिंह, सुरेश रैना, महेन्द्र सिंह धोनी, यसूफ पठान, हरभजन सिंह, प्रवीण कुमार, जहीर खान और आशीश नेहरा। यह क्रम बैटिंग लाइनअप के हिसाब से है। वही विराट कोहली, सौरभ तिवारी, प्रवीण कुमार और रोहित शर्मा को भी जरूरत पड़ने पर खिलाया जा सकता है। गेन्दबाजी को ज्यादा धारधार बनाने के लिए इशान्त शर्मा और एस श्रीशन्त को विकल्प के तौर पर खिला सकते है। 1983 के बाद भारतीय टीम आज सबसे मजबूत दिखाई दे रही है। बस जरूरत है एकजुट होकर खेलने की। अगर ऐसा हो गया तो हम इतिहास रच देंगे।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें