आदमी की बाघ के इलाकों में बढ़ती घुसपैठ से बाघ आदमी के प्रति आक्रामक हुआ है। चाहे घास काटने वाले घसियारे हों, चाहे लकड़ी बीनने वाले लक्कड़हारे, चाहे पशु चराने वाले मालधारी हों, चाहे शहद बीनने वाले, चाहे जड़ी-बूटी बटोरने वाले हों, चाहे वन्य जीवों के अवैध तस्कर बड़े पैमाने पर बाघ के इलाकों में आदमी की घुसपैठ हुई है। इसके अतिरिक्त पर्यटकों की आवाजाही कोई कम चिंताजनक नहीं है। एक बाघ के पीछे पर्यटकों की 50.50 गाड़ियां पड़ी रहती हैं। ऐसे में बाघ का आक्रामक होना बाजिव है। वह अब दो पैर के जानवर को अपना दुश्मन नम्बर एक मानकर चल रहा है और उस पर ताबड़तोड़ हमले कर रहा है। इस तरह से कहा जा सकता है कि बाघों के आदमखोर बनने की मुख्य वजह आदमी ही है। ढिकाला प्रवास के दौरान हमारी मुलाकात हुई याकूब से। यह पिछले तीन साल से इसी इलाके में रह रहा है। पेशे से महावत है, लेकिन समय के साथ-साथ उसके पेशे में भी बदलाव आया है। आज वह महावती नहीं करता, बल्कि यहां आने वाले पर्यटकों की जरूरतों का ध्यान रखता है। वह इस इलाके से जुड़ी हर खट्टी-मीठी यादों का गवाह है। याकूब उस सनसनीखेज घटना का भी गवाह है, जब वह किसी तरह आदमखोर बाघ से जान बचाकर भागने में कामयाब रहा था। लेकिन याकूब का साथी इतना भाग्यशाली नहीं था। उसका साथी आदमखोर बाघ ने हमेशा के लिए उससे छिन लिया। दूसरे कुछ महावत जो पिछले 25 सालों से यहां पर काम कर रहे हैं। वे भी आदमखोर बाघों के दर्जनों सनसनीखेज किस्से सुनाते हैं।
asal kaaranon main yahi mukhy kaaran hain.insaan jungle ke is saamant ke sath romance karake apni samanti siddh karana chahata hai.
जवाब देंहटाएंmaine kai gharon main khaskar uttarakhand main baagh ki khaal ko pooja ke liye istemaal karate dekha hai.uski haddiyon ko jama kiya gya hai.aur baagh ke daanton aur anya aangon ko gharelu upchar main istemaal kiya jata hai.
aur sabse uttam samantee ka namuna kai gharon ke saamane vale kamaron main tangi bandooken aur unke peeche apni gaurav gatha ko gate bandookon ke maalik jo kahate hain maine shikaar karate hue 5,4 ya 6 baaghon ko mara hai aur abhi bhi saamane aa jaye to chodunga nahi...