कोई भी देश बंग्लादेश की टीम को हलके में लेने की गलती न करें। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी बंग्लादेश यात्रा के दौरान यह बात कही। मगर उन्हें क्या पता था किउनके देश की टीम ही बंग्लादेश को हलके में लेगी और नतीजा। हार। प्रधानमंत्री मोदी की यह बात सच साबित हो रही है। पहले बंग्लादेशी बल्लेबाजों ने टीम इंडिया के गेंदबाजों की खूब धुनाई की और स्कोर 300 के पार पहुंचा दिया। भारत ने शुरूआत जरूर सधी हुई की मगर अच्छी शुरूआत के बावजूद टीम बिखर गई। कोई भी खिलाड़ी टिक कर खेल नही सका। पूरा श्रेय बंग्लादेश के गेंदबाजों को देना चाहिए जिन्होंने न सिर्फ संतुलित गेंदबाजी की बल्कि जरूरत के मुताबिक विकेट भी निकाले। विराट कोहली तो आए और गए। कुल मिलाकर बंग्लादेश की टीम ने मौदान में अच्छा प्रदर्शन किया। क्रिकेट में हार जीत लगी रहती है। मगर भारतीय टीम के लिए यह सोचना जरूरी है कि आखिर क्यों बंग्लादेश जैसी टीम भी उनपर भारी पड़ गई। मोदी जी ने तो पहले ही कह दिया था बंग्लादेश को हलके में ना लें। हमारे खिलाड़ियों ने उनकी सुनी नही। नतीजा हार!
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