आजादी के बाद देश में कालेधन लाने को लेकर अनेक माफी योजनाओं का ऐलान किया गया। मगर ज्यादातर योजनाओं से सफलता नही मिल पाई। देश की संसाधनों को लूटकर विदेशों का पैसा जमा होता रहा और सरकारें माफी योजनाऐं बनाकर अपने कर्मो की इतिश्री करती रहीं। आज यह एक राष्टीय मुद्दा है। और यूपीए सरकार विपक्ष से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के जबरदस्त दबाव में है। सरकार अब एक ओर माफी योजना लाने की तैयारी कर रही है।आइये एक नजर डालते है अब तक तक सरकारों द्धारा लाई गई माफी योजनाओं पर
वालंटरी डिस्क्लोजर स्कीम 1951 70 करोड़
वालंटरी डिस्क्लोजर स्कीम 1965 52.11 करोड
दूसरी वालंटरी डिस्क्लोजर स्कीम 1965 145 करोड़
नेशनल डिफेंस गोल्ड बांड्स 1965 18 करोड़ रूपये
नेशनल डिफेंस रिमिटेंस स्कीम 1965 70 करोड़ रूपये
वालंटरी डिस्क्लोजर स्कीम 1975 1528 करोड़ रूपये
स्पेशल बियरर बांड्स 1981 964 करोड़ रूपये
एमनेस्टी सर्कुलर 1985 700 करोड़ रूपये
नेशनल हाउसिंग बैंक डिपाजिट स्कीम 1991 964 करोड़ रूपये
एमनेस्टी सर्कुलर 1985 700 करोड़ रूपये
नेशलन हाउसिंग बैंक डिपाजिट स्कीम 1991 60 करोड़ रूपये
फारेन एक्सचेंज रिमिटेंस स्कीम 1991 2200 करोड़ रूपये
इंडिया डेवलपमेंट बांड्स 1991 4500 करोड़ रूपये
वालंटरी डिस्क्लोजर स्कीम 9197 33697 करोड़ रूपये
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