1-इतिहास उनके प्रधानमंत्री के कार्यकाल यानि मई 2004 से मई 2014 के कार्यकाल को किस तरह देखेगा?
2-वित्त मंत्री रहते हुए उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल से ज्यादा संतुष्ट करने वाला है?
3-यूपीए सरकार को अब तक की सबसे भ्रष्टतम सरकार कहा जा रहा है, क्या लगता है की कहां उनसे चूक हो गई खासकर ऐसे मौके पर जब उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए थी?
4-अर्थव्यवस्था के प्रबंधन का कहां कमी रह गई जिसके चलते निवेश की चक्र गड़बड़ा गया?
5-सीबीआई, जेपीसी, सीवीसी, जैसी संस्थाओं का कमजोर करने का उन्हें खेद है?
2-वित्त मंत्री रहते हुए उनका कार्यकाल प्रधानमंत्री के कार्यकाल से ज्यादा संतुष्ट करने वाला है?
3-यूपीए सरकार को अब तक की सबसे भ्रष्टतम सरकार कहा जा रहा है, क्या लगता है की कहां उनसे चूक हो गई खासकर ऐसे मौके पर जब उन्हें कार्यवाही करनी चाहिए थी?
4-अर्थव्यवस्था के प्रबंधन का कहां कमी रह गई जिसके चलते निवेश की चक्र गड़बड़ा गया?
5-सीबीआई, जेपीसी, सीवीसी, जैसी संस्थाओं का कमजोर करने का उन्हें खेद है?
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