सवाल बीजेपी के सामने आडवाणी मान गए या नरेन्द्र मोदी के बने रहने का नही है? सवाल है आडवाणी
के खत में उठाये गए मुददों के जवाब का जिसका संघ या राजनाथ सिंह के पास कोई जवाब नही है। चूंकि
इशारा उनकी तरफ ही था। इसलिए जबाव की उम्मीद न के बराबर है। मगर इन दो दिनों में जो कुछ भी
हुआ उसने बीजेपी की खूब जगहंसाई करवा ली। दरअसल बीजेपी ने गोवा में खीर पकाई और
दिल्ली में आडवाणी ने उसमें नमक डाल दिया। कांग्रेस पर दो सत्ता के केन्द्र का आरोप लगाने वाली
बीजेपी को देश को बताना चाहिए कि उसके यहां सत्ता के कितने केन्द्र हैं। मेरे ख्याल से हर नेता का अपना
केन्द्र है। इस मामले में कांग्रसियों की दाद देनी होगी क्योंकि उनके यहां एक ही केन्द्र है, हाईकमान!
के खत में उठाये गए मुददों के जवाब का जिसका संघ या राजनाथ सिंह के पास कोई जवाब नही है। चूंकि
इशारा उनकी तरफ ही था। इसलिए जबाव की उम्मीद न के बराबर है। मगर इन दो दिनों में जो कुछ भी
हुआ उसने बीजेपी की खूब जगहंसाई करवा ली। दरअसल बीजेपी ने गोवा में खीर पकाई और
दिल्ली में आडवाणी ने उसमें नमक डाल दिया। कांग्रेस पर दो सत्ता के केन्द्र का आरोप लगाने वाली
बीजेपी को देश को बताना चाहिए कि उसके यहां सत्ता के कितने केन्द्र हैं। मेरे ख्याल से हर नेता का अपना
केन्द्र है। इस मामले में कांग्रसियों की दाद देनी होगी क्योंकि उनके यहां एक ही केन्द्र है, हाईकमान!
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें