रविवार, 18 मार्च 2012

बजटनामा 2012-13


हर साल देश की अवाम को बजट का इंतजार होता है। सरकार की कमाई और खर्च का यह दस्तावेज देश के विकास में अहम साबित होता है। आम आदमी से लेकर उद्योगपति, किसान से लेकर मजदूर सब कुछ न कुछ सरकार से आस लगाए बैठी होती है। आम बजट से पहले सरकार राष्टपति अभिभाषण के माध्यम से बीते साल भविष्य की नीतियों का खाका खिंचती है। इस बार सरकार ने अपनी पांच प्राथमिकताऐं गिनाई हैं।
आजीविका सुरक्षा
आर्थिक सुरक्षा
उर्जा सुरक्षा
पर्यावरण सुरक्षा
आन्तिरक सुरक्षा
भविष्य में सरकार के लिए विकास की यह पांच आधारशिला होगी। इसके बाद रेल बजट में रेल मंत्री ने 9 सालों में हिम्मत दिखाकररेल भाड़ा बढ़ाया। जनरल क्लास में 2 पैसे प्रति किलोमीटर, एसी तीन में 10 पैसे, ऐसी 2 में 15 पैसे और एसी फस्ट में 30 पैसे प्रति किलोमीटर बढ़ाया। हो सकता है राजनीति में मोहफांस में रेल मंत्री सामान्य श्रेणी में बढ़े किराये को वापस ले ले। इसके बाद बारी होती है आर्थिक समीक्षा सदन के पटल में पेश करने की। इसमें देश की न सिर्फ आर्थिक सेहत की तस्वीर पेश की जाती है बल्कि समाधन का रास्ता भी सुझाया जाता है। आखिर में पेश होता है आम बजट। इसमें इस साल जीडीपी 6.9 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है।  

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