सोमवार, 18 अप्रैल 2016

किससे मुक्ति चाहिए भारत को।

प्रधानमंत्री मोदी को कांग्रेस मुक्त भारत चाहिए। अब नीतिश को आरएसएस मु्क्त भारत चाहिए। देश की जनता को क्या चाहिए इसकी फिक्र किसी को नही। हमें चाहिए----
गरीबी मुक्त भारत
अशिक्षा मुक्त भारत
कुपोषण मुक्त भारत
भ्रष्टाचार मुक्त भारत
अपराध मु्क्त भारत
क्षेत्रवाद मुक्त भारत
नक्सलवाद मुक्त भारत
एक महान देश बनाने के लिए यह बुनियादी जरूरत है। मगर माननीयों को आपस में एक दूसरे को नीचा दिखाने से फुर्सत ही नही है। बात करते है देश की। जेब भरते है सखे संबंधियों की। गरीब मर रहा है। किसान आत्महत्या कर रहा है। बेरोजगार युवा गलत रास्ते पर जा रहा है। इसके लिए कौन जिम्मेदार है? इतिहास गवाह कि जब भी राष्ट्र से बढ़कर नीजि हितों पर ज्यादा ध्यान दिया गया, देश का नुकसान हुआ।

ये घूस जान ले लेगी।

देश में मेडिकल कालेज की हकीकत। मेडिकल कालेज खोलने के लिए घूस दो।दाखिले देने में घूस लो। सोचिए जो डाक्टर पैसे के दम पर डिग्री लेगा वह सेवा करेगा या मरीजों को लूटेगा। मेडिकल एजुकेशन पर निगरानी के लिए देश में एमसीआई है यानि मेडिकल काउंसिल आफ इंडिया, जिसके बारे में कहा जाती है कि यहां भ्रष्टाचार ही शिष्टचार है। हमारी सरकारों बीतते समय के साथ मेडिकल एजुकेशन को निजि संस्थानों के पास गिरवी रख दिया। जो एमबीएस में दाखिले के लिए 50 लाख या उससे ज्यादा औऱ पीजी में दाखिले के लिए 1 से 2 करोड़ लेते हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि सरकार और एमसीआई को यह पता है। आप सोच रहे होंगे की सरकार कोे पता है तो कारवाई क्यों नही होती। जवाब सीधा और सरल है। संय्या भये कोतवाल को डर काहे का। भारत में सरकारी प्राइवेट मिलाकर कुल 422 मेडिकल काँलेज हैं। 200 सरकारी और 222 प्राइवेट। एमबीबीएस की सीटें 55000 और पीजी में 25000 सीटें हैं। मांग औऱ आपूर्ति का यह अंतर भ्रष्टाचार के बढ़वा देता है। अब नीट यानि कामन एलिजीबिलिटी और इंट्रेन्स टेस्ट के तहत परीक्षा होंगी। कुल मिलाकर सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य का जिम्मा सरकार के खुद उठाना चाहिए।