सोमवार, 19 मार्च 2012

किसान का बजटनामा


2012-13 के बजट में किसान को क्या मिला। इस वित्तिय वर्ष में कृषि के बजट में 18 फीसदी की बढोत्तरी की गई। पिछले वर्ष कृषि से जुड़े बजट के लिए 20 पैराग्राफ बजट में देखने को मिले। इस बजट में इनकी संख्या 15 है। कुलआयोजना व्यय 20208 करोड़ रूपये है जो 2011-12 में 17123 करोड़ रूपये था। राष्ट्रीय कृषि विकास योजना को 7860 करोड़ के मुकाबले 9217 करोड़ दिए गए है। पूर्वी राज्यों में हरित क्रांति लाने का सपना सच होता दिखाई दे रहा है। खरीफ वर्ष 2011 में धान के उत्पाद में 70 लाख टन का ज्यादा उत्पादन देखने को मिला है। इसी से उत्साहित होकर वित्तमंत्री ने योजना का आवंटन 400 करोड़ से बढ़ाकर 1000 करोड़ कर दिया है। कृषि ऋण की लक्ष्य 1 लाख करोड़ बढ़ाकर 57500000 करोड़ कर दिया गया है। समय से लोन अदायगी करने वाले किसानों को 3 फीसदी ऋण में छूट जारी रहेगी। इसका दायरा भी बढा़ दिया गया है। उपज के बाद हारवेस्ट के लिए भी किसान 6 माह का कर्ज ले सकते  है। बस इसके लिए उन्हें अपना उत्पाद वेयरहाउसों में रखना होगा। इस कर्ज की समय से अदायगी में भी 3 फीसदी की राहत दी जाएगी। क्षेत्रीयग्रामीण बैंकों की वित्तिय सेहत सुधारने के लिए नाबार्ड को 10000 करोड़ रूपये का प्रस्ताव किया गया है। इस बजट में कृषि अनुसंधान के लिए 200 करोड़ रूपये जारी किए गए है। सिंचाई से जुडी येाजना एआबीपी को 14242 करोड़ रूपये दिए है। यह पिछले के मुकाबले 12 फीसदी ज्यादा है। लघु सिंचाई ठेका खेती जल प्रबंधन और स्वच्छता के लिए धन की व्यवस्था करने के लिए सिंचाई एवं जल प्रबंधन वित्त कंपनी 2012 से काम करना शुरू कर चुकी है। इस बजट में प्रोसेसिंग क्षेत्र में प्रगती लाने के लिए एक राष्ट्रीय मिशन की शुरूआत की बात कही है। यह क्षेत्र 8 फीसदी के दर से विकास कर रहा है। बाजरा और चारा उगाने से जुड़े कार्यक्रम को राष्ट्रीय कृषि विकास योजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा 2011-12 में शुरू की गई योजनाओं का बजट बढ़ाया गया है। भंडारण के लिए भी इस बजट में कई बातें शामिल है। 2 मिलियन टन आधुनिक साइलोस से जुड़े गोदाम में काम शुरू हो गया है। 15 मिलियन टन में कामनिजि एन्तरोपेनियौर गारंटी स्कीम के तहत चल रहा है जिसमें 3 मिलियन टन भंडारण क्षमता पूरी कर ली गई है।

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