शनिवार, 6 अगस्त 2016

समझिए जीएसटी का तर्कशास्त्र!

जीएसटी लाने के पीछे क्या तर्क है!

टैक्स पर टैक्स से राहत!
जीएसटी टैक्स के ऊपर टैक्स से राहत देगा। अभी हम अलग अलग 17 तरह के टैक्स देते हैं। इस कानून के बाद एक बार में सिर्फ डेस्टिनेशन कर देना होगा।

देश एक बाजार बन जाएगा !
आज हर राज्य की अपने टैक्स रेट हैं। मसलन दिल्ली, हरियाणा यूपी और उत्तराखंड में टैक्स की रेट अलग अलग है। इससे वस्तु और सेवा के दरों में भारी अंतर है।

महंगाई कम होगी!
 आज 80 फीसदी गुड्स में 27 फीसदी के आसपास टैक्स लगता है। इसमें केन्द्र एक्साइज के तौर पर 12.5 फीसदी और राज्य वैट के तौर पर 14.5 फीसदी लगाते हैं। अगर वैट का स्टैंर्ड रेट 18 फीसदी तय होगा तो सामान की कीमत कम हो जाएगी।

व्यापार करना आसान होगा!
आज नया काम शुरू करने से व्यापारी अलग अलग टैक्सों के बारे में सोचकर ही खबरा जाता है।  इसके बारे में हिसाब किताब रखना भी उसके लिए मुश्किल और खर्चिला होता है । यूनिफार्म रेट होने से उसे आसानी होगी।

विकास दर में 1.5 फीसदी का इज़ाफा होगा!
विशेषज्ञों के मुताबिक जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स कॉम्पलाइंस बढ़ेगा जिससे राजस्व बढेगा। लोग टैक्स की चोरी नही कर पाएेंगे।

मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में बदलाव आएगा!
भारत की विकास और रोजगार यात्रा में ये क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। भारत में एस क्षेत्र का जीडीपी में योगदान 15 फीसदी के आसपास है जबकि चीन में दुगना। ऐसे में जीएसटी लागू होने के बाद
मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर बढ़ेगा तो अर्थव्यवस्था बढ़ेगी अर्थव्यवस्था बढ़ेगी तो

टैक्स  चोरी रूकेगी!
टैक्स चोर सावधान हो जाऐं। जीएसटी लागू होने के बाद टैक्स छुपाना आसान नही होगा। किसी न किसी चरण में कर चोरी पकड़ी जाएगी। दूसरा टैक्स की दर कम होने से कोई कर चोरी नही करेगा।

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