मंगलवार, 2 अगस्त 2011

हाईटेक हिन्दी


हिन्दी आज बाजार में अपना दबदबा कायम कर रही है। चैकिये मत, यह बात सौ आने सच है। सूचना तकनीक के फैलते संसार में इस भाषा ने भी अपना नाम दर्ज करा दिया है। हाल ही में इंटरनेट सर्च इंजन गूगल ने गूगल ट्रांसलेट नामक अनुवाद सेवा की शुरूआत कर इसकी तस्दीक कर दी है। दरअसल भारत में आबादी का एक बडा हिस्सा हिन्दी लिखता और बोलता है। मतलब साफ है कि उन तक पहुंच  बनाने का रास्ता उनके ही दिल से होकर गुजरता है और दिल में राज भाषा से होकर गुजरता है। हिन्दी आज सूचना, मनोरंजन और संचार से जुडे लगभग सभी क्षेत्रों में मजबूती से पैर जमाए है। इंटरनेट के रूप में सूचना प्रौद्योगिकी का एक विराट रूप सामने आया है। इससे मानों सूचना तंत्र मानव की मुठ्ठी में आ गया है। हिन्दी में काम करने हेतु आज बाजार में कई साफ्टवेयर उपलब्ध है। विंडोज का संस्करण हिन्दी में निकालने के पीछे बिल गेट्स का मकसद भी शायद यही रहा होगा। प्रभासाक्षी, वेबदुनिया, बीबीसी हिन्दी, जोश 18 डांटकाम और दैनिक जागरण जैसे हिन्दी पोर्टल को देखने वाले दर्शकों की आज अच्छी खासी तादाद है। ईमेल, एसएमएस और चैट की सुविधाऐंदआज हिन्दी में उपलब्ध है। हाल ही दो अखबार समूह टाइम्स आफ इंण्डिया और बीजनेस स्टंडैण्र्ड ने अपने बिजनेस अखबार हिन्दी में प्रकाशित करने आरंभ कर दिये है। विद्यालयों के हिन्दी पाठयक्रम में भी जबरदस्त बदलाव आया है। सूचना प्रौद्योगिकी का संबंध सामाजिक विकास से है। विकास में सबसे बडी बांधा जागरूकता की कमी है। ऐसे में हिन्दी का सूचना प्रौघोगिकी में ज्यादा इस्तेमाल शहर और गांव के बीच बड़ती खाई को पांटने में भी मदद कर सकता है।

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