शनिवार, 6 जून 2009

नारी का सम्मान करो।


कहते है कि अगर एक बेटी को शिक्षा दे दी जाए तो पूरा परिवार शिक्षित हो जाता है। शायद टीम मनमोहन इस बात को जानते हो। इसिलिए राश्टपति के भाशण में महिलाओं के लिए कुछ नया करने की सरकार ने चाह दिखाई है। हर महिला को शिक्षा देने के उददेश्य से सरकार राश्टीय साक्षरता मिशन को राशटीय महिला साक्षरता मिशन बनाने जा रही है। इससे यह तय हो पायेगा कि महिलाओं जिनका 2001 की जनगणना में साक्षरता प्रतिशत 54 था उसमें अब बदलाव तेजी से आयेगा। इसके अलावा चौदह साल से मजाक बना चुका महिला आरक्षण विधेयक एक बार फिर चर्चा में है। यह सरकार के 100 दिन के एजेंडे के 25 सूत्रीय कार्यक्रम में सबसे उपर है। जो महिला आरक्षण विधेयक एक मजाक बनकर रह गया था। उसके पास होने की उम्मीद इस बार ज्यादा है। इस बार सरकार के पास ना नूकूर की भी गुजायश नही दिखाई देती। सरकार के पास संसद के दोनों सदनों में इसे पास कराने के लिए जरूरी सर्मथन संसद के दोनों सदनो में प्राप्त है। साथ ही जरूरत के हिसाब से इसे 14 राज्यों का समर्थन भी आसानी से मिल जायेगा। हालांकि कुछ फेरबदल इसमें सरकार कर सकती है। फिलहाल यह विधेयक राज्यसभा में है। चूंकि यह संविधान संशोधन है इसलिए इसे पास कराने के लिए सरकार का सदन के दोनो सदनों लोकसभा और राज्यसभा में दो तिहाई समर्थन की जरूरत है। दूसरा बडा काम पंचायत में महिलाओं का आरक्षण 33 फीसदी से बड़ाकर 50 फीसदी करना है। यह भी संविधान संशोधन विधेयक होगा। इससे पहले सरकार ने संविधान के 73 व 74 वें संविधान संशोधन के जरिये यह ताकत महिलाओं को दी थी। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गॉधी का यह सपना था कि लोकतंत्र में महिलाओं को भी बराबरी की भागीदारी मिले। अब लगता है कि उनके अधूरे ख्वाब को सोनिया गॉधी और राहुल गॉधी अपने अथक प्रयास से पूरा करने की कोशिश कर रहे है। इसके अलावा मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए विशेश प्रयास किए जा रहे है। राश्टीय ग्रागीण स्वास्थ्य मिशन के तहत जननी सुरक्षा योजना और 6 लाख आशाओं की नियुक्ति से सरकार तय किये लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश में है। महिलाओं पर अत्याचार रोकने के लिए घरेलू हिंसा निवारण कानून बनाया गया है। मगर नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकडे डराने वाले है। सरकार को चाहिए की इस पर हर कीमत पर लगाम लगाई जाए। समाज में महिलाओं को लेकर आज अपनी मानसीकता बदलने की सख्त जरूरत है। और इसके लिए हम सब को मिलकर पहल करनी होगी। सोचो न समझो लाचार है औरत, जरूरत पडे तो तलवार है औरत। मॉं है, बहन है, पत्नी है,हर जिम्मेदारी के लिए तैयार है औरत।

1 टिप्पणी:

  1. mahilaayon ke utthaan me kahin n kahin samaaj ka bhi utthan hai....kyunki pahli guru to maa hi hoti hai...sarkaar ka prayaas sarahniy hai.

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