सोमवार, 15 अप्रैल 2013

आतंकवाद


अमेरिका ने दुनिया को दिखा दिया की इच्छाषक्ति हो तो मुष्कििल कुछ भी नही। 9-11 के बाद होमलैंड सिक्यूरिटी का नया विभाग षरू किया गया। जाच और सुरक्षा से जुडे कई विभाग इसके तहत लाये गये है।
आतंकवाद की आर्थिक सा्रेतों पर प्रहार करना होगा।
कई देषों के साथ मिलकर आतंकवाद के मुकाबले के लिए संयक्त कार्यदल बनाया गया है।

हूजी हरकत उल जिहाद ए इस्लामी
सिमी स्अूडेंटस आफ इस्लामिक मूवमेंन्ट आफ इण्डिया

इंडियन मुजाहिदीन नामक संगठन को खडे करने के पीछे का मकसद क्या हो सकता है।
गुरू अल हिन्दी के नाम से अहमदाबाद के ब्लास्ट से पहले मेल आया था।

इसे क्या कहें
जाच ऐजेंन्सियों को गुमराह करने की कोषिष
आज हूजी जैसे आतंकी संगठन पर दबाव पड रहा है
कही यहा से ध्यान हटाने की साजिष तो नही। बंग्लादेष और पाकिस्तान को अंताराष्ट्रीय स्तर पर बदनाम होने से बचाना।
ऐसा संदेष जाए जिससे कोई भारतीय संगठन ही इसे अंजाम दे रहा हो।

क्या करना चाहिए
दोषियों की गिरफतारी एक टेढी खीर
घरेलू र्मोचे पर चैकसी निगरानी और इंटेलीजेंस नेटवर्क को बेहतरीन बनाना चाहिए।
आर्थिक स्रोतो को नष्ट किया जाए
हवालेां के जरिये आने वाले धन पर रोक लगानी होगी।

अमेरिका में हमले के बाद
यूएस पैट्रोएट एक्ट
2004 इंटेलिजेंस रिफार्म एण्ड टेरेरिज्म प्रिवेन्षन एक्ट
2007 पा्रटेस्ट अमेरिका एक्ट
आतंकवाद से बचा जा सकता है अमेरिका ने इसे साबित कर दिया है। 12 साल के बाद भी वहाॅ कोई घटना नही घटी।

तकनीक बदल गई है औजार बदल गये है अपराधी ज्यादा ष्षातिर हो गये है।
भारत में 11840 पुलिस स्टेषन है जिसमें करीब 1012000 पुलिस के जवान तैनात है।
मानव संसाधन की कमी
 आईबी में 20 हजार लोग अधिकृत रूप से काम करते है।
अमेरिकी विदेष मंत्रालय की आतंकवाद पर जारी रिपोर्ट।
भारत सर्वाधिक आतंकवाद प्रभावित देष
1 साल में 2300 लोग मारे गए। पुराने और बोझिल कानून बड़ी बाॅधा।
कुल मिलागर जब हर एक षख्स निगहबान बनकर आतंकवादियों पर नजर रखेगा तभी अमन चैन कायम होगा।
आतंक के खिलाफ जीरेा टौलरेंस।

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