मंगलवार, 20 सितंबर 2011

घरेलू हिंसा निवारण कानून

2005 में बना कानून
2006 में लागू हुआ
केन्द्र सरकार से अब तक कोई बजट नहीं।
भारत में हर साल 1 करोड़ जोड़े विवाह बंधन में बंध जाते है।
तलाक की दर 1980 के 5 फीसदी से बढ़कर अब 14 फीसदी तक पहुंच गई है।
हर साल महिलाओं के खिलाफ 1.5 लाख मामले दर्ज किये जाते है।
5 करेाड़. महिलाएं घरेलू हिंसा का शिकार होती हैं। शिकायत 0.1 ही रहती हैं।
मौजूदा कानूनों से दहेज के 100 मामलों में से सिर्फ 2 केा ही सजा होती है।
80 फीसदी महिलाऐं अपने पति और परिवार के साथ समांजस्य की केाशिश करती हैं।
शहरी पेशेवर महिलाएं अब 26 से 30 की उम्र में विवाह करती हैं।
25 फीसदी कामकाजी महिलाएं अपना जीवन साथी खुद चुनती हैं।

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