शनिवार, 22 अक्तूबर 2011

भारत अफगान रिश्ता?

भारत चाहता है स्थिर अफगानिस्तान
1.3 बिलियन डालर की विकास सहायता
ऊर्जा और ढांचागत निर्माण में भारत का योगदान
स्वास्थ्य और शिक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान
3749 भारतीय कर रहे हैं अफगानिस्तान में काम
अप्रैल में  भारत आए थे हामिद करज़ई
2005 में अफगानिस्तान गए थे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह
1976 के बाद पहली बार 2005 में भारतीय प्रधानमंत्री काबुल गए
2001 से अफगानिस्तान में मौजूद हैं अमेरिकी और नाटो फौजें
नौ साल की लड़ाई के बाद भी शांति कायम नहीं
अफगानिस्तान में जूझ रहें हैं 130,000 विदेशी सैनिक
एक लाख अमेरिकी और 10 हजार ब्रितानी फौजी
उत्तरी अफगगानिस्तान में अगस्त में शुरु होगा बड़ा सौनिक अभियान
2009 में दूसरी बार राष्ट्रपपति चुने गए हामिद करजई
करज़ई को तालिगान गुट से शांति वार्ता के लिए अफगानिस्तान संसद का समर्थन
अफगानिस्तानी संसद ज़िरगा के 1600 सदस्य शांति वार्ता के लिए सहमत
ज़िरगा की बैठक में 16 सूत्रीय  संकल्प पारित
प्रमुख आतंकियों के नाम संयुक्त राष्ट्र की काली सूची से हटाने की मांग
26 तालिबान कैदियों को रिहा किया गया ।
  अवसंरचना में निवेश
जरांज- डेलाराम राजमार्ग में 750 करोड़
जरांज डेलाराम राजमार्ग 215 किलोमीटर लंबा
पुल-ए-खूमरी से काबूल तक ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण
सलमा डैम प्रावर प्रोजेक्ट को कुल 800 करोड़
 भारतीयों पर हमला
2007 से अब तक 6 बड़े हमले
सड़क सीमा संगठन से जुड़े लोग निशाने पर
2008 में हुए चार हमले
7 जुलाई 2008 को काबुल स्थित भारत के दूतावास पर हमला
हमले में  चार लोगों की हुई मौत
भारतीयों की सुरक्षा के लिए सेना और आईटीबीपी के जवान तैनात

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें