गुरुवार, 9 मई 2013

कर्नाटक से सबक


कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस का सरकार बनाने का 7 साल के बाद जनादेश जरूर मिला। मगर साथ ही जनता ने संदेश भी दिया है कि अगर प्रशासन में सुधार नही हुआ तो हाल बीजेपी से भी बुरा होगा। बहरहाल कांग्रेस के लिए खुश होने की कोई वजह नही। उसकी जीत का कारण बीजेपी के पाचं साल का कुशासन भ्रष्टाचार और गुटबाजी है। बचा हुआ काम कर्नाटक जनता पक्ष के नेता यदयुरप्पा ने कर दिया। जिस लिंगायत
वोट के सहारे 2008 में बीजेपी को 110 सीटें मिली वही लिंगायत वोट उसके खिलाफ पड़ा। जाहिर तौर पर बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस इस जनादेश से डरी होगी क्योंकि जो काम बीजेपी ने कर्नाटक में किया उससे कही ज्यादा को भ्रष्टाचार कांग्रेस ने केन्द में किया है। घोटालों की मानो बाड़ सी आ गई है। सीडब्लूजी टूजी कोलगेट रेलगेट मनरेगा हेलीकाप्टर खरीद जैसे मुददों ने सरकार की गत बिगाड़ दी है। इससे कांग्रेसी रणनीतिकारों की संदेश मिला गया है की 15वीं लोकसभा के नतीजे क्या होने वाले हैं। दूसरा राजनीति में परिवारवाद को भी एक तरह से झटका लगा है। कुमारास्वामी की पत्नी को उनके ही पार्टी के नेता ने समाजवादी पार्टी के टिकट से शिकस्त दे दी। कर्नाटक में लिंगायात वोकालिक्का कोरूबा ब्राहमण ओबीसी दलित और आदिवासी की मौजूदगी है। कांग्रेस को लगभग पूरे राज्य में हर तबके ने वोट दिया है। मगर उसके काम के लिए नही बीजेपी को सबक सिखाने के लिए। बीजेपी हार से तिलमिलाई है और कांग्रेस डरी हुई है। यदुरप्पा खुश होंगे उनकी पार्टी की सीटें महज़ 6 तक समिति नही मगर वह बीजेपी से बदला लेने में सफल रहे। लगभग 12 मंत्रियों को हार का सामना करना पड़ा। इसे एस ईश्वरप्पा जो बीजेपी की सरकार में ग्रामीण और पंचायती राज मंत्री थे वह तीसरे नंबर पर रहे। ईश्वरप्पा यदयुरप्पा की हिट लिस्ट में थे। जो नतीजे हैं वो
इस प्रकार है। कुल सीटे 224। चुनाव हुए 223 सीटों पर। सरकार बनाने के लिए जरूरी आंकड़ा 113
पार्टी                     सीट           वोट प्रतिशत
बीजेपी                   40
कांग्रेस                  121
जेडीएस                  40
केजीपी                    6
अन्य                      15

क्षेत्रवार नतीजे
क्षेत्र                     बीजेपी                       कांग्रेस             जेडीएस               केजीपी
                   2008        2012          2008      2012       2008      2012      2008      2012
मुंबई कर्नाटक        33         13              12         31        2           2        -          2
हैदराबाद कर्नाटक   19       04              17         20         3           3        -          2
सेटल कर्नाटक        21          3              14         28        4           12        -         2
कोस्टल कर्नाटक     15          4              7          12        2            2                 कुछ नही
साउथ कर्नाटक        5            4              21         18       12          15                कुछ नही
बैंग्लूरू सीटी          17           12             8           12       3             6             कुछ नही

इन चुनावों का अगर आंकलन करना हो तो मालूम चलता है की बीजेपी को हर क्षेत्र से नुकसान हुआ है और उसका कारण भी एक ही है। बेड गर्वेनेंस और यदयुरप्पा।


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