शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

हर क्षेत्र में सुधार की जरूरत!

आज हर राजनीतिक दल देश को बदलने का विश्वास दिला रहें है। बहस चल रही है की देश के लिए कौन अच्छा है। कांग्रेस का प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित होने के बाद यह बहस और बड़ जाएगी। मगर जब तक देश बुनियादी सुधारों को गंभीरता के साथ जमीन पर नही उतारेगा तब तक 1 अरब की आबादी से बड़े इस  देश में बदलाव संभाव नही है। भारी भरकम कार्यक्रम बनाने से जनता का संताप नही मिटेगा। अगर ऐसा होता तो 1979 में इंदिरा गांधी ने गरीबी हटाओं का नारा दिया था मगर आज भी हालात यह है की अर्जुन सेन समिति के मुताबिक 77 फीसदी आबादी 20 रूपये से ज्यादा खर्च प्रतिदिन करने  की हैसियत नही रखता। उसका कारण सिर्फ यही है की केन्द्र से निकलने वाला पैसा जरूरत मंदों तक नही पहुंच पाता। अगर हमें वाकई देश को बदलना है। लोगों को खुशहला जिन्दगी देनी है तो हमें कई मोर्चे पर सुधार की जरूरत है।

1.चुनाव सुधार
2.पुलिस सुधार
3.प्रशासनिक सुधार
4.न्यायिक सुधार
5.प्राथमिक शिक्षा सुधार
6.उच्च शिक्षा सुधार
7.स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार
8.उर्जा क्षेत्र में सुधार
9.सड़क क्षेत्र में सुधार
10.रेलवे में सुधार
11.वित्तिय क्षेत्र सुधार
12.कृषि क्षेत्र में सुधार
13. बीमा क्षेत्र में सुधार
14. जेलों में सुधार
15. पेंशन क्षेत्र में सुधार
16. बैकिंग क्षेत्र में सुधार
17. रक्षा क्षेत्र में सुधार
18. श्रम सुधार
19. पर्यायवण क्षेत्र में सुधार
20. जल क्षेत्र में सुधार
22. पीडीएस में सुधार
23.  संसद की कार्यवाही में सुधार
24. राज्य विधानसभाओं की
 कार्यवाही में सुधार। 
25. सरकार के खर्च में सुधार
26. पेट्रोलियम क्षेत्र में सुधार
27. असंगठित क्षेत्र में सुधार
28. सेवा क्षेत्र में सुधार
29 मनरेगा में सुधार
30. जमीन अधिग्रहन कानून में सुधार
31. रियल स्टेट में सुधार
32. पंचायतों में सुधार
33. नगरपालिका और नगरनिगमों में सुधार
34. बाल कानूनों में सुधार
35. आदिवासी नीति में सुधार
36. एससी एसटी नीति में सुधार


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